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Friday 16 August 2024

पाठ - तीसरी कसम के शिप्कार शैलेन्द्र ( कक्षा १० )

 

पाठ – तीसरी कसम

१ – राजकपूर के व्यक्तित्व की विशेषताएं लिखिए |

२ – आपको राजकपूर एक सच्चे समीक्षक और शैलेन्द्र एक सच्चे साहित्यकार कैसे लगे ? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए |

३ – फिल्म तीसरी कसम सैल्यूलाईड  पर लिखी कविता थी | जिसके कारण फिल्म चली नहीं | जबकि ऐसा माना  जाता है कि  शैलेन्द्र के जीवन की छाप इसमें दिखाई देती है तो क्या आपकी दृष्टि में शैलेन्द्र एक निराश और हारा हुआ व्यक्ति था ? तर्क सहित स्पष्ट कीजिए |

४ –फिल्म तीसरी कसम को विक्रेता नहीं मिल रहे थे ? क्या विक्रेता के अभाव में आपकी सृजनात्मकता का कोई मोल नहीं ? उपभोक्ता के रूप में टिप्पणी  करते  हुए अपने विचार लिखिए |

५ – हीराबाई  का छींट की सस्ती साडी में लिपटना से लेखक का क्या अभिप्राय है ?

६ – राजकपूर में हीरामन का सम्पूर्ण व्यक्तित्व समाया था कैसे ?

७ – साहित्य समाज का दर्पण होता है – फिल्म तीसरी कसम को आधार बनाकर स्पष्ट कीजिए |

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