1 – हम सभी के भीतर बहुत से रसों का वास होता है | जो
समय- समय पर निकलते हैं | आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ हो जब आपने सामाजिक नियमों का
विरोध किया हो | तब कौन सा रस आप पर हावी हुआ ? पाठ्यक्रम के कौन से पाठ से आप
अपने इस रस को जोड़ पाएंगे और क्यों ?
२ – आपके किसी भिन्न
लिंग से मिलने पर माता – पिता द्वारा विरोध करने पर आप क्या करेंगे और क्यों ? पाठ्यक्रम में आये पाठ के
पात्रों का त्याग और आपका विरोध / मौन क्या तर्कपूर्ण है ? सिद्ध कीजिये |
३ - पाठ्यक्रम में पढ़ी कविता के कौन से पद में अपने
ऊपर घमंड न करने और अधीर न होने की बात कही गई हे और क्यों ? क्या जीवन में इन
दोनों की आवश्यकता है यदि हाँ तो क्यों / सन्दर्भ सहित अपना पक्ष रखें |
४ – कर्ण से कवच और
कुंडल लेना कहाँ तक उचित था ? यह मानवीय
गुणों की किस श्रेणी में आता है ? पाठ्यक्रम में पढ़ी कौन सी कविता के किस अंश से
आप अपने इस मंतव्य को सपष्ट करेंगे और क्यों ?
५ – सब सफलता को
पाने के लिए परिश्रम कर रहे है | इसे प्राप्त करने का एक उचित तरीका है एक दूसरे
का सहारा बनना | पाठ्यक्रम में पढ़ी कौन सी कविता के सातवें अंश से यह बात सिद्ध
होती है ? स्पष्ट करें |
६ – क्या मनुष्य को
सफलता के रस्ते पर चलने के लिए एक दूसरे के सहारे से चलना जरुरी है ? पाठ्यक्रम
में पढ़ी कौन सी कविता से यह बात सिद्ध होती है और क्यों ? अपनी सहमति या असहमति तर्क सहित स्पष्ट कीजिये |
७ – मनुष्य इस भ्रम
का शिकार हो जाता है कि दुनिया केवल उसी के कारण चल रही है | यदि वह नहीं होगा तो संसार
चलना बंद कर देगा | क्या उसका यह सोचना सही है ? पाठ्यक्रम में पढ़ी कविता के
सन्दर्भ की पुष्टि अपने उदाहरण से कीजिये |
८ – इस संसार में
बहुत से लोग है जो अकेलेपन के शिकार है |क्या उनका अकेलापन आपके लिए उपहास का कारण है ? अपने मंतव्य को
पाठ्यक्रम में पढ़ी कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिये |
९ – हमें दूसरों की
भलाई व उन्नति के लिए खुद के प्राण तक त्याग देने चाहिए | पाठ्यक्रम में पढ़ी कविता
के शुरुआती अंशों को वर्तमान सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिये |
१० – प्रकृति के
अन्य प्राणियों की तुलना में मनुष्य में चेतना शक्ति की प्रबलता होती है | वह कुछ
भी करने में समर्थ होता है | पाठ्यक्रम में पढ़ी कौन सी कविता के कौन से अंश इस
तथ्य की पुष्टि करते है | तर्क सहित स्पष्ट कीजिये |
11- सभी मनुष्यों की गुणवत्ता , दक्षता और रुचि एक
समान नहीं होती है | मनुष्य अपनी कार्यकुशलता और रुचि के अनुसार संसार में कुछ महान
कार्य करता है जिसकी पृथ्वी पर छाप रह जाती
है | फिर मनुष्य को इस दुनिया में कैसे
रहना और काम करना चाहिए ? इसके लिए पाठ्यक्रम में पढ़ी गई कौन सी कविता आपका
मार्गदर्शन करेगी और क्यों ?
😊
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